कमरे में दाखिल होते ही आज कमरे का समांकुछ
और ही रंग में रंगा हुआ था सब की नज़रें बोर्ड पीआर लिखे गए सवाल जवाब पर थी। जिसे वह
अपनी कॉपी में उतार रहे थे। पाठ एक “रख की रस्सी” रिमझिम की पहली कहानी जो एक लोक कथा
के रूप मे है।
लता- कहानी में बहुत सारी भेड़े होती हैं।
एक मंत्री है और वो अपने बेटे को बार –बार अपनी भेड़े देकर बाहर शहर में भेजता है। मंत्री
के बेटे को वहाँ फिर एक लड़की मिलती है। जो बहुत समझदार होती है वो उसकी मदद करती है।
मंत्री को जब पता चला तो वह एक राख़ की रस्सी बनाने को कहते हैं। लेकिन उससे पहले एक
शर्त रखती है कि वो रस्सी उन्हें गले में पहननी पड़ेगी।
लड़की रस्सी बना देती है। लेकिन मंत्री
नहीं पहन पता और लड़की की समझदारी देखकर खुश होकर उसकी शादी अपने बेटे से कर देता है।
लता की इस बात पर पूरी क्लास हंस पड़ी।
जैसे कहानी के सीन से सभी परिचित हों। पर इस तरह सोचा न हो की जब मुंह जबानी अपने शब्दों
में कहेंगे तो उसे सुनकर मज़ा और बढ़ जाएगा।
लता ने तुरंत जवाब
दिया- और क्या।
प्राची- चल चल वो
तो मैडम ने तुझे सिर चढ़ा रखा है।
लता- जी नहीं मेरे
घर मे भी सब मुझे समझदार ही कहते हैं। मुझे कभी भी डांट नहीं पड़ती। मैडम ने तभी तो
मुझे चाबी दी हुयी है।
प्राची- वो तो इसलिए
क्योंकि तू मैडम का काम जल्दी से कर देती है। बहुत होशियार बनती है न तू कभी-कभी अपने
आप में।
कहानी
के भीतर अनगिनत द्रश्य और कुछ पात्र होते हैं। जिनके करीब जाने के दरवाजे होते हैं।
जब हम इन द्रश्यों और किरदारों को पाठक बनकर समझते हैं। तब एक माहौल उभरता है जिसमें
कई तरह की ज़िंदगियाँ मिलती है।