गीतांजली थोड़ा उसके डेस्क पर हाथ पटकते हुए- "क्या हुआ आज तू इतनी जल्दी आ गई" । सोनाली बेग डेस्क पर रखते हुए - "हाँ कल मैडम ने मुझे बहुत अच्छा गाना सिखाया था और जल्दी आने को कहा था। तुझे पता है वो आज भी हमें वही गाना दोबारा सिखाएंगी और मैं सबसे आगे खड़ी होऊँगी।" हाँ- हाँ पता है। तू तो मुझसे बढ़ी है ना मेरे पीछे खड़ी होना पड़ेगा।
सोनाली- 'देख' मैने तो वो गाना लिख भी लिया। गीतांजली- उससे कॉपी छीनते हुए तूने ये कहाँ से लिखा? सोनाली- "मेरे पास देश-भक्ति के गानों की किताब है, जो मेरी दीदी अपने लिए खरीब कर लाई थी।" जब मैं अपनी दीदी को यह गाना सुना रही थी तब उनहोंने कहा "मेरी इस किताब में ये गाना भी है। तू इसे अपनी कॉपी में उतार ले, तुझे जल्दी याद हो जाएगा।”
फिर मैने तुरन्त यह गाना उसमें से लिख लिया। आज जब मैडम वो गाना सिखाएँगी तो मैं इसमें से देख-देखकर गाऊँगी ताकि जल्दी याद हो जाए। तू भी लिख ले तुझे भी जल्दी याद हो जाएगा। गितांजली - हाँ-हाँ, यहाँ रख दे मैं भी लिख लेती हूँ। जल्दी मे बेग से कॉपी निकालते हुए पेंसिल नहीं मिल रही सोनाली? तू अपना पेन दिखा दे ना। ले जल्दी लिख प्रार्थना शुरु होने वाली है। फिर नहीं लिख पाएगी।
सोनाली ये गाना याद कैसे होगा इतना बड़ा गाना है। सोनाली- हो जाएगा मेरी दीदी ने कहा है लिख-लिखकर याद करने से जल्दी याद होता है। पेपरों मे भी अब मैं ऐसे ही याद करुँगी।
kiran