हमेशा कई सवालों से और कई संभावनाओं से होती है दिन की शुरुआत ब्लेकबॉर्ड की तारीख बदली होती है। ब्लेक-बॉर्ड साफ होता है या उसपर कुछ लिखा होता जिसे सभी साथी अपनी कॉपी पर उतार रहे होते हैं।
हर दिन एक सा नहीं रहता कभी कुछ साथी बाहर खेल रहे होते है तो कभी दूसरी क्लासों में झांक रहे होते हैं, कुछ वहाँ खड़े होते हैं जहाँ से आने वाला उन्हें दूर से ही दिख जाए ताकि वे भी बिना डांट खाए क्लास में पहुँच जाएँ, कभी-कभी वे किसी टीचर का मूड ठीक देखकर उनका स्वागत करते हैं और उनके साथ ही क्लास में दाखिल होते हैं।
kiran
हर दिन एक सा नहीं रहता कभी कुछ साथी बाहर खेल रहे होते है तो कभी दूसरी क्लासों में झांक रहे होते हैं, कुछ वहाँ खड़े होते हैं जहाँ से आने वाला उन्हें दूर से ही दिख जाए ताकि वे भी बिना डांट खाए क्लास में पहुँच जाएँ, कभी-कभी वे किसी टीचर का मूड ठीक देखकर उनका स्वागत करते हैं और उनके साथ ही क्लास में दाखिल होते हैं।
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